श्रीसंत ने बताया जर्सी नंबर 36 का पूरा राज

कोच्चि, प्रशांत मेननमंगलवार को बीसीसीआई के एक फैसले ने तेज गेंदबाज शांताकुमारन को काफी राहत दी। उन पर लगा आजीवन बैन कम करके सात साल का कर दिया गया। 2013 आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग में नाम सामने आने के बाद केरल के इस तेज गेंदबाज पर लाइफ बनैन लगा दिया गया था। मंगलवार को बीसीसीआई के लोकपाल जस्टिस (रिटायर्ड) डीके जैन ने उनके बैन को कम कर दिया गया। श्रीसंत पर बैन लगे अब करीब छह साल हो चुके हैं। इसका अर्थ है कि वह अगले साल सितंबर के मध्य से क्रिकेट खेल सकते हैं। श्रीसंत ने इस पूरे मुद्दे पर हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के साथ खास बातचीत की। उनका सपना 100 टेस्ट विकेट लेने का है। आप काफी समय से इस खबर का इंतजार कर रहे थे, अब कैसा लग रहा है? मुझे इससे बहुत राहत है। ईश्वर की मुझ पर बहुत कृपा रही है। मैं अपने परिवार, दोस्तों, केरल क्रिकेट असोसिएशन और यहां तक कि बीसीसीआई और डीके जैन सर का धन्यवाद करना चाहूंगा। मुझे इस आदेश के बारे में उसी दिन (7 अगस्त) पता चल गया था जिस दिन इसे पास किया गया था लेकिन मैंने इसे अपने और अपने परिवार तक ही रखा। समय के साथ मैंने कई कड़े सबक सीखे हैं। मैं चाहता था कि यह खबर सही चैनल से बाहर आए। अब मेरे पास पूरा एक साल है। यह एक बड़ी चुनौती होगी। और मैं इस चुनौती को अनुभव के तौर पर लेना चाहता हूं। आपने कहा था कि आपसे आपकी रोजीरोटी छीन ली गई है। आप इस मुश्किल समय से कैसे बाहर आए?सिर्फ मैं ही नहीं बल्कि मेरे पूरे परिवार के लिए यह काफी मुश्किल वक्त रहा। मुझे लगता है कि ईश्वर ने मुझे इस कठिन समय से लड़ने की शक्ति दी। इस दौरान कई लोगों ने मेरा समर्थन किया। इससे मुझे काफी मदद मिली। बीते छह साल में मैंने यह बात सीखी है कि जीवन में कुछ भी अच्छा या बुरा नहीं होता। मैं जीवन की हर घटना को अनुभव के तौर पर लेता हूं। आपका अगला कदम क्या होगा चूंकि अभी आप क्रिकेट से एक और साल दूर रहेंगे? एक तरह से यह मेरे लिए अच्छी ही बात है कि मुझे फिट होने के लिए एक साल का वक्त मिला है। वर्ना अगर मुझे कल फिटनेस टेस्ट के लिए बुलाया जाता तो मुझे यह कहकर रिजेक्ट कर दिया जाता कि मैने फिटनेस टेस्ट पास नहीं किया। मैं जानता हूं कि अब मेरी फिटनेस कहां है और मुझे अगले साल सितंबर तक कहां पहुंचना है। मैं जानता हूं कि मुझे खुद को एक बार फिर साबित करना होगा और अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए मैं वह अतिरिक्त मेहनत करने के लिए तैयार हूं। उम्र आपके साथ नहीं है। जब आप मैदान पर लौटेंगे तो 37 साल के हो चुके होंगे। आपका व्यावहारिक लक्ष्य क्या है? लिएंडर पेस, मिसबाह-उल-हक ने यह दिखाया है कि आप 40 वर्ष से अधिक आयु के होने के बावजूद खेल सकते हैं। मुझे लगता है कि मुझमें अभी पांच साल का क्रिकेट बाकी है। मैं टेस्ट क्रिकेट के सफेद कपड़े पहनने का बेसब्री से इंतजार कर रहा हूं। मेरी पहली प्राथमिकता क्लब स्तर के क्रिकेट में लौटने की है। इससे मुझे पता चलेगा कि मैं फिलहाल कहां स्टैंड करता हूं। एक बार यह करने के बाद मेरा लक्ष्य अगले साल घरेलू क्रिकेट में राज्य की टीम में जगह बनाना होगा। मैं सिर्फ केरल की टीम का मेंटॉर नहीं बनना चाहता मैं टीम का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाला खिलाड़ी बनना चाहता हूं। इसके बाद मैं टीम को रणजी ट्रोफी जीतने में मदद करना चाहता हूं और उसके बाद ईरानी कप खेलना चाहता हूं। अगर मैं केरल के लिए घरेलू क्रिकेट में लगातार अच्छा प्रदर्शन करता रहा तो मैं एक बार फिर देश के लिए खेल सकता हूं। मैं टेस्ट चैंपियनशिप में खेलना चाहूंगा और 100 टेस्ट विकेट पूरे करना चाहूंगा। अगर मैं अपनी वापसी के दौरान टेस्ट क्रिकेट में नहीं खेल पाया तो मुझे काफी निराशा होगी। यह आने वाली पीढ़ियों के लिए काफी प्रेरक कहानी होगी। केरल हो या फिर राष्ट्रीय टीम, इस समय काफी तेज गेंदबाज मौजूद हैं। आप इस प्रतिस्पर्धा को किस तरह देखते हैं? जब मैंने खेलना शुरू किया था उस समय भी काफी तेज गेंदबाज मौजूद थे। जवागल श्रीनाथ, जहीर, आशीष नेहरा सभी खेल रहे थे। लेकिन इसके बावजूद मैंने राष्ट्रीय टीम में खेलने का अपना सपना पूरा किया। आप जानते हैं कि जब मैं भारत के लिए खेला तो मेरा जर्सी नंबर 36 था। इसके पीछे एक कारण था। जब मैं 2005 में बेंगलुरु मे पूर्व भारतीय कोच ग्रेग चैपल द्वारा आयोजित कैंप में पहुंचा तो मुझे मैरिट के आधार पर 36वें तेज गेंदबाज का नंबर दिया गया था। हां, मैंने 35 अन्य को पछाड़कर राष्ट्रीय टीम में खेला। यकीन जानिए, मैं एक बार फिर यह दोहरा सकता हूं।


from Sports News in Hindi: Latest Hindi News on Cricket, Football, Tennis, Hockey & more | Navbharat Times https://ift.tt/2P5toYw
श्रीसंत ने बताया जर्सी नंबर 36 का पूरा राज श्रीसंत ने बताया जर्सी नंबर 36 का पूरा राज Reviewed by Ajay Sharma on August 20, 2019 Rating: 5

No comments:

Powered by Blogger.