गौरव गुप्ता, नई दिल्ली वेस्ट इंडीज के खिलाफ एंटीगा में खेले जा रहे पहले टेस्ट में रविचंद्रन को मौका नहीं दिए जाने से एक नई बहस शुरू हो गई है। टेस्ट क्रिकेट में आम तौर पर स्पिनर के रूप में भारत की पहली पसंद माने जाने वाले अश्विन को शामिल नहीं करने के फैसले से सुनील गावसकर नाराज नजर आए। पिछली बार भारत ने वेस्ट इंडीज में 2016 में टेस्ट क्रिकेट खेला था। इस दौरान अश्विन ने 17 विकेट लेने के साथ साथ 350 रन बनाए थे। इस दौरान उन्होंने एक सेंचुरी भी लगाई थी। तीन टेस्ट मैचों की सीरीज में भारत ने 2-0 से जीत हासिल की थी और अश्विन 'मैन ऑफ द सीरीज' रहे थे। दरअसल, अश्विन ने टेस्ट क्रिकेट में जो चार शतक लगाए हैं वे सभी वेस्ट इंडीज के खिलाफ ही हैं। बीते कुछ वर्षों में कप्तान और कोच की इस बात लेकर आलोचना भी होती रही है कि वह टीम में लगातार बदलाव करते रहते हैं। क्रिकेट अडवाइजरी कमिटी के एक सदस्य ने हाल ही में हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, 'इंटरव्यू के दौरान हमने रवि शास्त्री से इस बारे में काफी सवाल किए कि आखिर बीते 38 टेस्ट मैचों में हर बार अलग टीम क्यों मैदान पर उतारी गई।' शुक्रवार को एक इवेंट के इतर पूर्व कप्तान ने भी माना कि कप्तान विराट कोहली को चाहिए कि अपने खिलाड़ियों को 'लगातार मौके' देने चाहिए ताकि उनके प्रदर्शन में निखार आ सके। गांगुली ने कहा, 'इस एक क्षेत्र में विराट को अपने प्रदर्शन में निरंतरता दिखाने की जरूरत है। उन्हें चुने हुए खिलाड़ियों को कुछ और मौके देने चाहिए। इससे उन्हें आत्मविश्वास और लय हासिल करने में मदद मिलेगी। मैंने यह पहले भी कहा है। आपने श्रेयस अय्यर को देखा। वेस्ट इंडीज के खिलाफ वनडे सीरीज में उन्होंने कैसा प्रदर्शन किया। इस सीरीज के लिए आपने अय्यर को चुना और उन्हें खुलकर खेलने का मौका दिया। मुझे लगता है कि ऐसा कई खिलाड़ियों के साथ होना चाहिए। और मुझे यकीन है कि विराट ऐसा जरूर करेंगे।' गांगुली ने कहा कि वह टीम से न सिर्फ रविचंद्रन अश्विन को बाहर करने से हैरान थे बल्कि कुलदीप यादव का अंतिम एकदाश में न होना भी उन्हें खला था। उन्होंने कहा, 'मैं कुलदीप को बाहर देखकर भी हैरान था, क्योंकि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले गए टेस्ट मैच में उन्होंने सिडनी की सपाट पिच पर पांच विकेट लिए थे।' गांगुली ने कहा, 'जडेजा अच्छी फॉर्म में हैं। एंटीगा में कल के विकेट पर तीन तेज गेंदबाजों की जरूरत थी। हमने देखा कि तेज गेंदबाजों को किस तरह की मदद मिली। अश्विन का रेकॉर्ड शानदार है। हमें अगले दो दिनों में यह पता चलेगा कि जडेजा इस विकेट पर कितने विकेट लेते हैं। चूंकि समय के साथ साथ इस विकेट पर असमान उछाल होगा। हमने मैच के पहले दिन ही इसके संकेत देखे थे।' गांगुली ने कहा, 'हमें इसके लिए इंतजार करना होगा लेकिन मुझे लगता है भारतीय क्रिकेट में इसी तरह की प्रतिस्पर्धा है।' भारतीय टीम प्रबंधन ने हालिया कुछ वर्षों में भारतीय कोचों को विदेशी कोचों पर तरजीह दी है। शुक्रवार को आर. श्रीधर जोंटी रोड्स को पछाड़कर भारतीय टीम के फील्डिंग कोच बने। इस पर गांगुली ने कहा, 'वे श्रीधर के साथ ही रहना चाहते थे। मेरी नजर में उन्होंने काफी अच्छा काम किया है। आपने वर्ल्ड कप में भी देखा जहां टीम इंडिया ने बहुत अच्छी फील्डिंग की। मैं भारतीय कोचों का बड़ा समर्थक हूं क्योंकि खिलाड़ियों के साथ उनका संवाद बहुत अच्छा रहता है। वह मानसिकता को समझते हैं। मैं यह नहीं कहता कि विदेशी कोच अलग होते हैं लेकिन हमें 2000s में उनकी जरूरत थी। हमें युवा खिलाड़ियों को गाइड करने और आगे ले जाने के लिए विदेशी कोच चाहिए थे। लेकिन मुझे यह देखकर खुशी होती है कि हमारे भारतीय कोचों को प्राथमिकता दी जा रही है।' उन्होंने कहा, 'मैं बहुत खुश हूं कि रवि शास्त्री, अनिल कुंबले, श्रीधर, विक्रम राठौड़ और भारत अरुण को भारतीय क्रिकेट को आगे ले जाने की जिम्मेदारी दी गई है।'
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कैप्टन कोहली को सौरभ गांगुली की अहम सलाह
Reviewed by Ajay Sharma
on
August 24, 2019
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