अम्बरीश त्रिपाठी, नोएडा मेहनत के बल पर क्या कुछ हासिल नहीं किया जा सकता। इसको सही साबित कर रहे हैं दिव्यांग क्रिकेटर। नोएडा में गुरुवार से शुरू हुए दिव्यांग टी-10 टूर्नामेंट में एक से बढ़कर एक क्षमता वाले खिलाड़ी आए हैं। इनमें से एक ग्रेनो स्थित दुजाना गांव के दिव्यांग क्रिकेटर सचिन हैं। उनके दोनों हाथ की हथेलियां नहीं हैं। उनके हाथ में कोहनी के आगे बस कुछ हिस्सा है। इसके बावजूद गेंद और बल्ले पर उनकी पकड़ बेहद मजबूत है। वह जहां बल्ले से कमाल करते हैं तो वहीं बोलिंग और फील्डिंग भी सामान्य क्रिकेटरों की तरह ही करते हैं। काफी ऊंचाई पर आने वाले कैच भी वह आसानी से पकड़ लेते हैं। वह मास्टर ब्लास्टर सचिन की तरह बैटिंग कर चौके-छक्के जड़ने में सक्षम हैं। उन्होंने बताया कि वह यूपी की दिव्यांग टीम का हिस्सा होने के साथ ही स्थानीय टीम में सामान्य खिलाड़ियों के साथ भी खेलते हैं। उन्होंने बताया कि 2015 में बरेली में खेली गई शतकीय पारी सबसे ज्यादा यादगार है। मेरठ के प्रमोद कुमार भी यूपी की दिव्यांग टीम का हिस्सा हैं। वह एक हाथ से ही ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते हैं। उनका सपना है कि वह दिव्यांग टीम के माध्यम से देश में अपनी पहचान बनाएं। उन्होंने बताया कि अभी दिव्यांग टीम को बीसीसीआई से मान्यता नहीं मिली है। ऐसे में बहुत बेहतर प्रदर्शन करने के बावजूद भी उनके प्रयास के अच्छे परिणाम नहीं मिल रहे हैं। वह मेरठ से बीए कर रहे हैं और अपने कॉलेज की टीम से भी खेलते हैं।
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दोनों हथेलियां नहीं, फिर भी जड़ते हैं चौके-छक्के, कमाल हैं सचिन नागर
Reviewed by Ajay Sharma
on
March 11, 2021
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