गरीब परिवार में जन्म, सचिन ने संवारा करियर, 2011 विश्व विजेता टीम इंडिया का हिस्सा थे मुनाफ पटेल

नई दिल्ली घरेलू क्रिकेट में इस गेंदबाज को भरूच एक्सप्रेस कहा जाता था। तेज रफ्तार और सटीक लाइन और लेंथ इसकी पहचान थी, लेकिन चोटों के चलते उनका करियर बहुत लंबा नहीं चल पाया। मुनाफ पटेल को घरेलू क्रिकेट के सबसे तेज गेंदबाज के रूप में पहचान मिल रही थी। वह फर्स्ट-क्लास क्रिकेट खेले भी नहीं थे जब उन्हें यह नाम दे दिया गया था। आज इन्हीं मुनाफ पटेल का जन्मदिन है। 1983 को गुजरात के भरूच के इखर गांव में इनका जन्म हुआ था। किरण मोरे की पड़ी नजरभारतीय टीम के पूर्व विकेटकीपर किरण मोरे ने पटेल को नेट्स में गेंदबाजी करते हुए देखा और उन्हें सीधा एमआरएफ पेस फाउंडेशन भेज दिया। चेन्नई में उन्होंने टीए शेखर और डेनिस लिलि के अंडर ट्रेनिंग ली। जल्द ही उन्हें भारतीय क्रिकेट में सबसे तेज गेंदबाज कहा जाने लगा। उन्होंने बड़ौदा या गुजरात के बजाय मुंबई के लिए खेलना पसंद किया। सचिन तेंडुलकर ने उन्हें मुंबई के लिए खिलाने में अहम भूमिका निभाई। सचिन तेंडुलकर ने मुंबई क्रिकेट असोसिएशन में अधिकारियों से बात कर मुनाफ को मुंबई से खेलने के लिए मनाया। लगातार लगती चोटपटेल का फर्स्ट-क्लास करियर लगातार पटरी से उतरता रहा। उन्होंने खेल के मैदान पर वक्त बिताने के बजाय चोट से उबरने में ज्यादा वक्त बिताया। मुनाफ का कद बहुत लंबा नहीं था, लेकिन शरीर मजबूत था। क्रीज पर पहुंचते हुए वह रफ्तार हासिल कर लेते। शुरुआत में वह सिर्फ तेज रफ्तार पर ध्यान देते थे। इसी ने लोगों का ध्यान खींचा। इसके बाद उन्होंने तरकश में उन्होंने रिवर्स स्विंग और यॉर्कर भी जोड़े। बोर्ड प्रेजिडेंट इलेवन के लिए खेलते हुए उन्होंने 91 रन देकर इंग्लैंड के 10 विकेट लिए। इसके बाद उन्हें मार्च 2006 में उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया। मोहाली में शानदार डेब्यूअपने पहले मैच में ही उन्होंने 97 रन देकर सात विकेट अपने नाम किए थे। यह डेब्यू पर किसी भारतीय तेज गेंदबाज का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था। वेस्टइंडीज के खिलाफ अगली सीरीज में उन्होंने खुद को भारतीय टीम के एक रेगुलर सदस्य की तरह स्थापित कर लिया। गिरती गई रफ्तार मुनाफ की रफ्तार इसके बाद गिरती चली गई। वह शुरुआती पेसर के बजाय बैकअप सीमर बन गए। धीरे-धीरे उन्होंने टेस्ट टीम में अपनी जगह खो दी। विश्व विजेता टीम का हिस्सा 2011 में जब प्रवीण कुमार चोट की वजह से बाहर हो गए तो उन्हें वर्ल्ड कप टीम में जगह मिल गई। उन्हें तीसरे सीमर के रूप में जगह मिली। वह भारत के लिए वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाजों की लिस्ट में तीसरे नंबर पर रहे। उनसे ज्याद विकेट जहीर खान और युवराज सिंह ने लिए। पटेल ने 11 विकेट अपने नाम किए। बोलिंग कोच एरिक सिमंस ने उन्हें वर्ल्ड कप का छुपा रुस्तम कहा।


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गरीब परिवार में जन्म, सचिन ने संवारा करियर, 2011 विश्व विजेता टीम इंडिया का हिस्सा थे मुनाफ पटेल गरीब परिवार में जन्म, सचिन ने संवारा करियर, 2011 विश्व विजेता टीम इंडिया का हिस्सा थे मुनाफ पटेल Reviewed by Ajay Sharma on July 11, 2021 Rating: 5

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