क्या यह रोजर फेडरर का आखिरी विंबलडन मुकाबला था, इशारों-इशारों में क्या कह गए 8 बार के चैंपियन

लंदन ह्यूबर्ट हरकाज के लिए यह किसी सपने के पूरा होने जैसा था। बुधवार को सेंटर कोर्ट पर उनका हर दांव सही पड़ रहा था। फेडरर इस कोर्ट पर राज करते रहे हैं पर यह उनके लिए किसी बुरे सपने जैसा था। विंबलडन के 19 साल में पहली बार उन्हें सीधे सेटों में हार का सामना करना पड़ा। 24 साल के हरकाज, जो दुनिया के 18वें नंबर के खिलाड़ी हैं, ने वह कर दिखाया जो उनसे पहले किसी ने नहीं किया था। उन्होंने फेडरर को हराने के लिए कमाल का टेनिस खेला। आठ बार के विंबलडन चैंपियन को इस नतीजे की उम्मीद नहीं थी। हुराकज ने उन्हें 6-3, 7-6 (4), 6-0 से हराया। एक घंटा 49 मिनट लंबे मुकाबले में जीत हासिल की। इसके साथ ही वह विंबलडन के अंतिम चार में पहुंच गए हैं। हार के बाद फेडरर सिर झुकाए जा रहे थे। एक बार उन्होंने दर्शकों से भरे उस स्टेडियम में हाथ लहराया। इसके साथ ही यह सवाल भी उठने लगा कि क्या यह 39 वर्षीय इस महान खिलाड़ी का आखिरी विंबलडन मुकाबला था। हार के बाद फेडरर ने कहा, 'मुझे सच में नहीं पता कि क्या यह मेरा आखिरी विंबलडन मैच था।' विंबलडन की आधिकारिक वेबसाइट ने फेडरर के हवाले से कहा 'मुझे सच में नहीं पता कि क्या यह मेरा आखिरी विंबलडन मुकाबला था। मुझे कुछ दिन सोचना पड़ेगा और इसके बाद मैं कुछ विचार करूंगा। ह्यूबर्ट ने बहुत अच्छा खेला। यह मुश्किल मुकाबला था, आप देख ही सकते हैं।' उन्होंने कहा, 'कुछ मैच बेशक अच्छे नहीं रहे... आपको लगने लगता है कि आप यहां से वापसी नहीं कर पा रहे हैं। मैं इस तरह की परिस्थितियों का आदी नहीं हूं। खास तौर पर यहां।' दुनिया के पूर्व नंबर एक खिलाड़ी ने कहा कि वह हार के बाद बहुत निराश हैं। उन्होंने माना कि वह 'बुरी तरह थक गए हैं।' फेडरर ने कहा, 'बीते 18 महीने काफी लंबे और थकाने वाला हैं। मैं हार के इस लम्हे में काफी निराश हूं। मैं काफी थका हुआ हूं। मैं फिलहाल सोना चाहता हूं।' फेडरर ने आगे कहा, 'आप अपनी ओर से पूरी कोशिश करते हैं और जब सब खतम हो जाता है तो आप सिर्फ सोना चाहते हैं क्योंकि आप खुद को लगातार प्रेरित करते हुए और पूरी कोशिश करते हुए थक चुके होते हैं।' हालांकि फेडरर ने साफ किया कि वह फौरन रिटायर होने का फैसला नहीं कर रहे हैं। हालांकि 2020 में उनके घुटनों की दो सर्जरी हुई हैं। फेडरर ने कहा, 'नहीं, यह सिर्फ नजरिए की बात है। जब आप रीहैब से गुजर रहे होते हैं तो आपको एक लक्ष्य की जरूरत होती है। आप एक बार में पहाड़ लांघने की नहीं सोच सकते। आप कदम-दर-कदम चलते हैं। विंबलडन इस दिशा में पहला कदम था।' उन्होंने कहा, 'जैसाकि आप देख सकते हैं, यह मेरे लिए संघर्ष की तरह था। जब भी मैं अतिरिक्त प्रयास कर रहा था तो मुझे परेशानी हो रही थी। खास तौर पर तब ह्यूबर्ट के खिलाफ मुकाबला कड़ा होता जा रहा था। मैं जानता था कि यह काफी मुश्किल होने वाला है। अब मुझे अपनी टीम से बात करनी होगी। अपना वक्त लेना होगा और सही फैसला लेना होगा।' पहले दो सेट जीतने के बाद हरकाज ने तीसरे सेट में एक भी कोई गेम नहीं गंवाया। वह तीसरा सेट 6-0 से जीते। हरकाज जीत के बाद जाहिर तौर पर काफी खुश थे। उन्होंने कहा, 'मुझे समझ नहीं आ रहा कि मैं क्या कहूं। यह मेरे लिए बहुत-बहुत खास है। मेरा मतलब है, इस स्पेशल कोर्ट पर के खिलाफ खेलना। बचपन से ही यह आपका सपना था। और आज यह सपना पूरे होने जैसा है। मैं यहां पहुंचकर बहुत गर्व महसूस कर रहा हूं और काफी खुश हूं। खास तौर पर स्टैंड में जब लोग मेरा हौसला बढ़ा रहे हैं।'


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क्या यह रोजर फेडरर का आखिरी विंबलडन मुकाबला था, इशारों-इशारों में क्या कह गए 8 बार के चैंपियन क्या यह रोजर फेडरर का आखिरी विंबलडन मुकाबला था, इशारों-इशारों में क्या कह गए 8 बार के चैंपियन Reviewed by Ajay Sharma on July 07, 2021 Rating: 5

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