Happy Birthday MS Dhoni: 40 के हुए एमएस धोनी, देखें उनके करियर के यादगार पल

नई दिल्ली कभी खड़गपुर रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की टिकट चेक करने वाला नौजवान महेंद्र सिंह धोनी एक दिन भारतीय क्रिकेट में कामयाबी की नई इबारत लिखेगा, इसका अंदाजा शायद तब किसी को नहीं था। मगर बचपन से कुछ कर गुजरने की हसरत ने माही को कभी कंफर्ट जोन में डाला ही नहीं। शायद यही वजह है कि तमाम मुश्किलों और चुनौतियों पर पार पाते हुए उन्होंने टीम इंडिया के महान कप्तान बनने तक का लंबा सफर तय किया। सात जुलाई 1981 को बिहार के रांची (आज के झारखंड) में जन्में छोटे शहर के इस बड़े खिलाड़ी का आज 40वां जन्मदिन है। संघर्षों में गुजरा बचपन झशायद बचपन के संघर्ष से ही माही के अंदर जीत का जज्बा और धैर्य मिला। धोनी के परिवार की जड़ें उत्तराखंड में हैं, उनके पिता पान सिंह 1964 में मीकॉन में जूनियर पद पर नौकरी मिलने के बाद रांची आए। जिस वक्त 1981 में तीन बच्चों में सबसे छोटा महेंद्र सिंह पैदा हुआ उस वक्त पान सिंह एक पम्प ऑपरेटर थे और उनका परिवार मीकॉन की कॉलोनी में बने एक बेडरूम वाले घर में रहता था। दिसंबर 2004 में इंटरनेशनल डेब्यू, 0 से शुरू हुआ सफर धोनी ने सौरव गांगुली की कप्तानी में अपने इंटरनेशनल करियर की शुरुआत की, उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ चिट्टगांव में पहली बार टीम इंडिया की नीली जर्सी पहनी। लेकिन माही इस वनडे मैच में 0 रन बनाकर रन आउट हुए। पाकिस्तान के खिलाफ 148 रन पाकिस्तान की टीम भारत दौरे पर थी। यहां सीरीज के दूसरे वनडे मैच में ही तब के कप्तान गांगुली ने उन्हें तीसरे नंबर पर बैटिंग के लिए भेजा। इससे पहले लंबे-लंबे छक्के जड़ने में धोनी का खूब नाम था, लेकिन इंटरनेशनल क्रिकेट में अभी तक वह ज्यादा प्रभाव नहीं छोड़ पाए थे। लेकिन यहां मिले मौके को उन्होंने हाथों-हाथ लिया और 123 बॉल में 148 रन ठोककर भारतीय टीम का स्कोर 300 के पार पहुंचा दिया। इस पारी से धोनी ने टीम इंडिया में अपनी जगह पक्की कर ली। यह उनके वनडे करियर का 5वां मैच था। श्रीलंका के खिलाफ नाबाद 183 रन साल 2005 में श्रीलंका के खिलाफ जयपुर में खेले एक मैच में भारत 299 रन के टारगेट का पीछा कर रहा था। एक बार फिर धोनी को नंबर 3 पर मौका मिला और उन्होंने यहां 50 ओवर विकेटकीपिंग करने के बाद मैच के अंत तक बैटिंग की और 183 रन ठोक डाले। धोनी का यह स्कोर आज भी उनका वनडे क्रिकेट में सर्वोच्च स्कोर है। 2007 में भारत टी-20 वर्ल्ड चैंपियन पहली बार टी20 वर्ल्ड कप खेला जा रहा था और महेंद्र सिंह धोनी ने कप्तानी कौशल से यहां इतिहास रच दिया। भारत न सिर्फ इस पहले वर्ल्ड टी20 के फाइनल में पहुंचा बल्कि उसने अपने चिर-प्रतिद्वंदी पाकिस्तान को हराकर इस खिताब पर कब्जा भी जमाया। 2011 में भारत दूसरी बार वर्ल्ड चैंपियन यह वर्ल्ड कप भारत समेत बांग्लादेश और श्रीलंका में ही आयोजित हो रहा था। भारत ने यहां फाइनल में श्रीलंका को हराकर दूसरी बार यह खिताब अपने नाम किया। कपिल देव के बाद धोनी दूसरे भारतीय कप्तान हैं, जिन्होंने विश्व चैंपियन का खिताब अपने नाम किया। 2011 खिताबी मुकाबले में नाबाद 91 रन इस खिताबी मुकाबले में भारत 275 रन के लक्ष्य का पीछा कर रहा था। सचिन और सहवाग (31 रन पर) जल्दी पविलियन लौट गए। इसके बाद विराट आउट हुए तो धोनी यहां 5वें नंबर पर बैटिंग पर उतरे। धोनी ने इस मैच में गंभीर के साथ मैच विनिंग साझेदारी निभाई और टीम इंडिया को विनिंग सिक्स जड़कर खिताब दिलाया। टेस्ट में दोहरा शतक साल 2013 में भारत अपनी घरेलू सीरीज में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेल रहा था। यहां चेन्नै टेस्ट में धोनी ने अपने टेस्ट करियर का एकमात्र दोहरा शतक जड़ा। धोनी ने यहां 224 रन बनाए और भारत ने यहां 8 विकेट से जीत दर्ज की।


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Happy Birthday MS Dhoni: 40 के हुए एमएस धोनी, देखें उनके करियर के यादगार पल Happy Birthday MS Dhoni: 40 के हुए एमएस धोनी, देखें उनके करियर के यादगार पल Reviewed by Ajay Sharma on July 06, 2021 Rating: 5

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