आज का इतिहास: मैच टाई, सुपर ओवर बराबर, इंग्लैंड ने यूं किया था पहली बार वर्ल्ड कप पर कब्जा

लंदन वर्ल्ड कप पर इंग्लैंड का नाम था, लेकिन न्यूजीलैंड हारा नहीं था। आज के दिन 14 जुलाई साल 2019 को इंग्लैंड ने पहली बार 50 ओवर वर्ल्ड कप पर कब्जा किया था। लेकिन इस मैच में इतने उतार-चढ़ाव थे जितने क्रिकेट में शायद ही देखे गए गए हों। एक ऐसा मैच जिसे कोई हार का हकदार नहीं था। और असल मायनों में कोई हारा भी नहीं था। यह इतिहास ऐतिहासिक लॉर्ड्स के मैदान पर रचा गया। द होम ऑफ क्रिकेट पर खेल ने नए आयाम देखे। 50 ओवर का खेल समाप्त होने के बाद मैच टाई था। मैच का नतीजा तय करने के लिए सुपर ओवर हुआ। यहां भी मुकाबला बराबर रहा। पर इंग्लैंड ने ट्रोफी उठाई क्योंकि उसने मैच में ज्यादा बाउंड्री लगाई थीं। न्यूजीलैंड के लिए यह बहुत बुरा लम्हा था। लगातार दूसरी बार वर्ल्ड कप के फाइनल में हारना। इस मैच के बाद क्रिकेट जगत में एक नई बहस शुरू हो गई। ट्रोफी का हकदार दोनों टीमों को बताया गया। लेकिन नियम आखिर नियम होते हैं। इसके बाद ही नियम बदला गया- सुपर ओवर भी अगर टाई रहता है तो जब तक नतीजा नहीं निकलेगा सुपर ओवर खेले जाते रहेंगे। न्यूजीलैंड ने चुनी बल्लेबाजी न्यूजीलैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवरों में आठ विकेट पर 241 रन बनाए। हेनरी निकोलस ने 55 और टॉम लाथम ने 47 रन बनाए। इंग्लैंड के लिए लक्ष्य आसान नहीं रहा। चार विकेट तो उसने 86 रन पर ही गंवा दिए थे। इसके बाद बेन स्टोक्स (84) और जोस बटलर (59) की साझेदारी ने इंग्लैंड का स्कोर 203 तक पहुंचाया। जीत इंग्लैंड की लग रही थी। लेकिन अभी एक रोमांच बाकी था। जिमी नीशम और लॉकी फर्ग्युसन ने टाइट गेंदबाजी कर न्यूजीलैंड का पलड़ा भारी कर दिया। आखिरी तीन गेंदों पर इंग्लैंड को जीत के लिए नौ रन चाहिए था। गप्टिल का थ्रो और बाजी पलटी स्टोक्स चौथी गेंद का सामना करने के लिए तैयार थे जबकि उनके टीम साथी आदिल राशिद दूसरे छोर पर थे। स्टोक्स ने चौथी को डीप मिडविकेट पर खेलकर दो रन बटोरे। पांचवीं गेंद पर स्टोक्स ने दूसरा रन पूरा करते हुए क्रीज में छलांग लगाई। गेंद उनके बल्ले से लगकर बाउंड्री पर चली गई। अंपायर कुमार धर्मसेना ने कुल छह रन दिए। हालांकि कई जानकारों का कहना था कि असल में पांच रन मिलने चाहिए थे। इंग्लैंड और न्यूजीलैंड दोनों उस अखाड़े में पूरी जान लगाकर लड़े। आखिरी दम तक लड़े। इंग्लैंड के लिए बेन स्टोक्स ने मैदान नहीं छोड़ा। 84 रन की अविजित पारी खेली। फिर आया सुपर ओवर सुपर ओवर में इंग्लैंड पहले बल्लेबाजी करने आया। पहली चार गेंदों पर नौ रन बने। कुल मिलाकर 15। न्यूजीलैंड के लिए मार्टिन गप्टिल, जिनके लिए वर्ल्ड कप अच्छा नहीं रहा था, के साथ जिमी नीशम क्रीज पर उतरे। आखिरी गेंद पर उन्होंने क्रीज में पहुंचने के लिए छलांग लगाई। वह क्रीज से थोड़ा दूर रह गए। सुपर ओवर भी बराबरी पर समाप्त हुआ। लेकिन आखिर में इंग्लैंड को ज्यादा बाउंड्री की वजह से चैंपियन घोषित किया गया। सुपर ओवर रहा टाई आईसीसी ने वर्ल्ड कप के नॉक आउट मुकाबले में पहली बार सुपर ओवर का नियम लागू किया था। न्यू जीलैंड ने अपनी पारी में 2 छक्के और 14 चौके लगाए थे, जबकि मेजबान इंग्लैंड ने 2 छक्के और 22 चौके लगाए थे। इस बाउंड्री नियम के आधार पर इंग्लैंड को विजेता घोषित किया गया। बोल्ट का खेल ट्रेंट बोल्ट ने न्यूजीलैंड के आखिरी ओवर फेंका। आखिरी दो गेंदों पर उन्होंने दो विकेट लिए। सुपर ओवर में बाउंड्री पर शानदार कैच लपका लेकिन आखिर में उनका पैर बाउंड्री लाइन के पार चला गया। जोफ्रा आर्चर जो चार महीने पहले तक इंग्लैंड के लिए खेलने के लिए क्वॉलिफाइ नहीं थे लेकिन आखिर में उन्होंने सुपर ओवर फेंका। और इंग्लैंड के फैंस, जिन्हें आखिर 44 साल बाद वर्ल्ड कप अपनी टीम को जीतते देखने का मौका मिला।


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आज का इतिहास: मैच टाई, सुपर ओवर बराबर, इंग्लैंड ने यूं किया था पहली बार वर्ल्ड कप पर कब्जा आज का इतिहास: मैच टाई, सुपर ओवर बराबर, इंग्लैंड ने यूं किया था पहली बार वर्ल्ड कप पर कब्जा Reviewed by Ajay Sharma on July 13, 2021 Rating: 5

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