
नई दिल्ली 2011 में वर्ल्ड कप जीतकर भारतीय टीम ने अपेन 28 साल का सूखा खत्म किया था। फाइनल में श्रीलंका के खिलाफ गौतम गंभीर जीत के असल शिल्पकार थे, जबकि धोनी ने भी विपरित हालातों में आकर बेहतरीन पारी खेली थी। माही ने खुद को प्रमोट करते हुए युवराज सिंह से पहले पिच पर कदम रखा था। पूर्व भारतीय कप्तान के इस फैसले पर आजतक बहस होती है। अब महान स्पिनर और फाइनल में श्रीलंका टीम के हिस्सा रहे मुथैया मुरलीधरन ने इसी मामले पर बड़ा बयान दिया है। बकौल मुरलीधरन धोनी उनकी की सबसे घातक बॉल यानी दूसरा समझ चुके थे। मुरलीधरन ने कहा कि आईपीएल में एक ही टीम चेन्नई सुपरकिंग्स के साथ खेलने की वजह से धोनी मेरा दूसरा समझ चुके थे। जबकि युवराज को मुझे खेलने में काफी दिक्कत होती थी। 2011 वर्ल्ड कप के बाद इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कहने वाले मुरलीधरन की माने तो सिर्फ कुछ भारतीय क्रिकेटर्स ही दूसरा समझ पाते थे। मुरलीधरन दुनिया के सबसे सफल गेंदबाज हैं। वनडे में उनके नाम 534 विकेट हैं तो टेस्ट में 800 का आंकाड़ा टच कर चुके हैं। बकौल मुरलीधरन, 'सचिन तेंदुलकर, वीवीएस लक्ष्मण और गौतम गंभीर के पास उनकी दूसरा का तोड़ था। वीरेंद्र सहवाग के बारे में वह श्योर नहीं। बताते चलें कि जब मुरलीधरन दूसरा फेंकते थे तब वह सीम का इस्तेमाल ही नहीं करते थे इसलिए बल्लेबाजों को गेंद पढ़ने में मुश्किल होती थी। जब तक आप मुरलीधरन की कलाई नहीं देखेंगे तो दूसरा बॉल नहीं खेल पाएंगे।
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..तो इसलिए युवी से पहले आए थे धोनी, 2011 विश्व कप के फाइनलिस्ट मुरलीधरन का खुलासा
Reviewed by Ajay Sharma
on
August 21, 2021
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