नई दिल्ली ऐडिलेड टेस्ट की दूसरी गेंद। मिशेल स्टार्क की गेंद पर हो गए। बाएं हाथ के गेंदबाज की गेंद टप्पा लगकर अंदर आई और साव के बाहर लहराते बल्ले से टकराकर विकेटों में जा लगी। गेंद ने गुडलेंथ पर टप्पा खाया। साव ने गेंद को उसकी लाइन पर ऑन द राइज ड्राइव करने की कोशिश की। गेंद अगर अपनी लाइन नहीं बदलती तो शॉट सही रहता। पर वह जरा सी अंदर आई। बैट और पैड के बीच काफी जगह थी। फुटवर्क भी अच्छा नहीं रहा। बायां पैर आधा-अधूरा ही आगे बढ़ा था। हवा में लहराती गिल्लियां। गेंदबाज के लिए इससे अच्छा नजारा और दूसरा नहीं हो सकता। स्टार्क और ऑस्ट्रेलिया के लिए यह बेहतरीन शुरुआत रही। ऐसा पहली बार नहीं है जब साव इस तरह से आउट हुए हुए हों। हाल के दिनों में उनकी यह कमी जाहिर हुई है। अंदर आती गेंद को शरीर के दूर से खेलना। कदम पूरी तरह गेंद की पिच पर न जाना और नतीजा गेंद का विकेटों से जा टकराना। आईपीएल में भी उनकी यह कमी देखी गई। लगातार इस तरह की तकनीकी खामी इस युवा बल्लेबाज के लिए चिंता का विषय है। उनके सिलेक्शन पर सवालिया निशान लगने लगा है। ओपनिंग स्लॉट पर मुकाबला कड़ा है। कतार लंबी है। रोहित शर्मा के आने के बाद इसमें कसावट आएगी। लोकेश राहुल टीम से बाहर हैं। इसके अलावा अंडर-19 टीम में साव के साथ खेले शुभमन गिल भी चुनौती पेश कर रहे हैं। गिल ने प्रैक्टिस मैचों में प्रभावी खेल दिखाया। अपने खेल से उन्होंने कई पूर्व खिलाड़ियों को प्रभावित किया। ऐसे में साव को जल्द ही अपनी तकनीक और रवैये में सुधार करना होगा। सुनील गावसकर जैसे दिग्गज भी शुभमन गिल को मौका देने की वकालत कर चुके हैं। गावसकर ने कहा था, 'मुझे लगता है कि पहले टेस्ट में शुभमन गिल को मयंक अग्रवाल के साथ पारी की शुरुआत करनी चाहिए। उन्होंने अच्छी फॉर्म दिखाई है। एलन बॉर्डर भई प्रैक्टिस मैच के लिए वहां थे वह भी गिल को देखकर काफी प्रभावित हुए। तो मुझे लगता है कि गिल अग्रवाल के साथ पारी की शुरुआत करेंगे।' हालांकि विराट कोहली ने साव को चुना। साव के चुने जाने पर कई लोग हैरान थे। टि्वटर पर भी सवाल पूछा गया कि आखिर गिल को मौका क्यों नहीं दिया गया। गिल ने गुलाबी गेंद से हुए प्रैक्टिस मैच में 43 और 65 रन की पारियां खेली थीं। उन्होंने संयम और धैर्य के साथ तकनीक का भी प्रदर्शन किया। वहीं उससे पिछले मैच में उन्होंने 0 और 29 रन बनाए थे। इसके मुकाबले साव ने 0, 19, 40 और 3 रन बनाए थे। गिल के खेल देखकर माना जा रहा था कि उन्हें टीम में शामिल किया जा सकता है। पृथ्वी साव को भारतीय क्रिकेट का अगला स्टार कहा जाता है। जूनियर क्रिकेट से लेकर अंडर-19 क्रिकेट में साव ने धमाकेदार खेल दिखाया। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की शुरुआत भी सेंचुरी के साथ हुई। टीम प्रबंधन को उनकी प्रतिभा पर भरोसा है। तभी डोपिंग विवाद में वह उनके साथ रहा। उनकी बैटलिफ्ट और स्ट्रोकप्ले की तारीफ होती है। साव ने 8 टेस्ट पारियों में 47.85 के औसत से 335 रन बनाए हैं। लेकिन उनकी हालिया फॉर्म बहुत खराब रही है। बीती 10 पारियों में वह पांचवीं बार खाता खोले बिना आउट हुए हैं। यह बात 21 साल के इस बल्लेबाज के लिए अच्छी नहीं कही जा सकती। न्यूजीलैंड के पूर्व ऑलराउंडर स्कॉट स्टायरिस ने भी गिल को मौका देने की बात कही। उन्होंने कहा कि इस मैच में गिल को मौका मिलना चाहिए था। साव पहली पारी में असफल रहे लेकिन दूसरी पारी में उनके पास आलोचकों को शांत कराने का मौका होगा। अगर वह ऐसा कर पाते हैं तो यह उनके और टीम इंडिया के लिए अच्छी बात होगी । वरना मौजूदा हालात को देखकर यही कहा जा सकता है कि साव के लिए वक्त कम हैं और चुनौतियां ज्यादा...
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10 मैचों में 5 बार जीरो पर आउट, पृथ्वी साव के लिए वक्त कम और चुनौतियां ज्यादा
Reviewed by Ajay Sharma
on
December 16, 2020
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