क्या विदेशी दौरों पर भारत के लिए नंबर छह पर बल्लेबाजी करने के लिए तैयार हैं?

चेन्नै टेस्ट शतक आसानी से नहीं बनते। और वॉशिंगटन सुंदर इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में दो बार शतक के करीब पहुंचकर चूक गए एक बार वह 85 और दूसरी बार 96 रन बनाकर नाबाद रहे। दूसरे छोर पर बल्लेबाजों का साथ नहीं मिला और सुंदर का सैकड़ा नहीं बन पाया। लेकिन 21 वर्षीय इस खिलाड़ी को ज्यादा उदास होने की जरूरत नहीं है क्योंकि जिस तरह वह बल्लेबाजी कर रहे हैं शतक ज्यादा दूर नहीं है। बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने शतक से चूकने के बाद कहा था- 'कोई बात नहीं, अगर मैं ऐसे ही खेलता रहा तो मुझे और मौके मिलेंगे।' यही आत्मविश्वास सुंदर को बाकी खिलाड़ियों से अलग करता है। ब्रिसबेन टेस्ट, जहां मैच मुश्किल परिस्थिति में था, सुंदर ने अपने पिता और कोच को कहा था कि भारत यह मैच जीतेगा। सुंदर ने इस मैच में आखिरी दिन उपयोगी पारी खेली थी। सुंदर के पिता ने कहा था, 'हम सभी को लग रहा था कि ड्रॉ हमारे लिए मुफीद नतीजा होगा, लेकिन वह ऐसा नहीं सोच रहा था।' वॉशिंगटन गेंद और बल्ले दोनों से योगदान दे सकते हैं। उनके प्रदर्शन को देखकर लगता है कि वह रवि शास्त्री की तरह स्पिन बोलिंग ऑलराउंडर हो सकते हैं। ऐसा खिलाड़ी जो टॉप 6 में बल्लेबाजी कर सकता है। दूसरी ओर शास्त्री को लगता है कि इस युवा खिलाड़ी में उनसे ज्यादा प्रतिभा है। शास्त्री ने कहा था, 'मुझे लगता है कि वॉशी के पास ज्यादा नैसर्गिक प्रतिभा है, मेरे पास इतना टैलंट नहीं था। उनके पास प्रतिभा है और वह इस स्तर पर खेल सकते हैं और साथ ही उनका करियर काफी लंबा हो सकता है। अगर वह टेस्ट में अपनी गेंदबाजी पर फोकस कर सकें तो भारत के पास विदेशी परिस्थितियों में नंबर छह पर एक शानदार खिलाड़ी हो जाएगा।' शास्त्री का मानना है कि हाफ सेंचुरी और एक-दो विकेट लेना सुंदर का लक्ष्य होना चाहिए। उन्होंने कहा, '1980 के दशक में टीम में मेरी भी यही भूमिका थी। और मुझे लगता है कि वह यह आसानी से कर सकता है।' उन्होंने कहा कि वह तमिलनाडु के कप्तान दिनेश कार्तिक से कहेंगे कि वह सुंदर को रणजी ट्रोफी में टॉप 4 में बल्लेबाजी करवाएं। सुनील सुब्रह्मणयम वह पहले शख्स थे जिन्होंने सुंदर की बल्लेबाजी क्षमता को पहचाना था। सुंदर अंडर-16 खिलाड़ी के रूप में उनके अंडर ट्रेनिंग करने आए थे। सुब्रह्मणयम ने हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, 'जब मैंने उन्हें देखा तो मुझे तमिलनाडु के दो बड़े खिलाड़ी डब्ल्यू वी रमन और सदगोपन रमेश की झलक नजर आई। इसके अलावा उनके पास टेंपरामेंट भी था। जब मैं टीम इंडिया का मैनेजर था तो सुंदर टीम में शामिल हुए, मैंने तब रवि (शास्त्री) को बताया था कि वह बहुत अच्छा क्रिकेटर है।' वरिष्ठ कोच हालांकि अभी विदेशी परिस्थितियों, जहां गेंद बहुत ज्यादा मूव होती है, में नंबर छह पर बल्लेबाजी के लिए पक्के दावेदार हैं या नहीं। सुब्रह्मणयम ने कहा, 'हमने ऑस्ट्रेलिया में बैकफुट पर खेलने का उनका तरीका देखा। उन्हें स्पिन खेलनी आती है लेकिन स्विंगिंग गेंद के सामने अभी उनकी परख नहीं हुई है। उन्हें उन परिस्थितियों में ढलने और खुद को तैयार करने के लिए वक्त की जरूरत होगी।' बहुत ज्यादा टी20 क्रिकेट खेलने के कारण उन्हें सधी हुई गेंदबाजी करने की आदत है। और जहां पिच से स्पिनर्स को मदद मिल रही हो वह कुछ विकेट भी ले सकते हैं। लेकिन सुब्रह्मणयम का मानना है कि सुंदर की ऑफ स्पिन अभी सुधर रही है। उन्होंने कहा, 'वह मेहनती खिलाड़ी हैं और जरूर बेहतर होंगे।'


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क्या विदेशी दौरों पर भारत के लिए नंबर छह पर बल्लेबाजी करने के लिए तैयार हैं? क्या विदेशी दौरों पर भारत के लिए नंबर छह पर बल्लेबाजी करने के लिए तैयार हैं? Reviewed by Ajay Sharma on March 09, 2021 Rating: 5

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